पोप फ्रांसिस के निधन की घोषणा रोम के कार्डिनल केविन फैरेल ने की है. कार्डिनल रोमन चर्च के कैमरलेन्गो पद पर हैं, जिन्हें ईसाई धर्म में काफी पावरफुल पद माना जाता है. कैमरलेन्गो के जिम्मे रोमन चर्च का प्रशासनिक कार्यभार है. कैमरलेन्गो के जिम्मे पहले वित्त विभाग भी होता था.
न्यू एडवेंट के मुताबिक शुरुआत से ही रोमन चर्च में इसे काफी पावरफुल पद माना जाता रहा है. पहले इस पद पर बैठने वाला शख्स पूरे रोम का सर्वे-सर्वा होता था, लेकिन बाद के दिनों में इस पद का महत्व को खत्म कर दिया गया. अब इस पद पर बैठने वाला शख्स सिर्फ रोमन चर्च का जिम्मा संभालता है.
कौन हैं केविन फैरेल?
केविन फैरेल का जन्म आयरलैंड में हुआ है. 77 साल के केविन को 2019 में इस पद पर लाया गया. उन्हें पोप फ्रांसिस का विश्वनीय सहयोगी माना जाता रहा है. केविन फैरेल के पास धर्मशास्त्र में मास्टर की डिग्री है.
वेटिकन के मुताबिक 1978 में उन्हें पहली बार रोम में एक कैथोलिक पादरी के रूप में नियुक्त किया गया. तब से उन्होंने अपना पूरा जीवन ईसाई धर्म के प्रचार में लगा दिया.
समलैंगिकता को लेकर फैरेल का रूख काफी सुर्खियों में रहा है. आयरलैंड के समरलैंगिक समर्थक राष्ट्रपति को उन्होंने चर्च में नहीं बोलने दिया था. उस वक्त पूरी दुनिया में उनके इस कदम से बवाल मच गया था.
कैमरलेन्गो का मतलब?
ब्रिटेनिका के मुताबिक कैमरलेन्गो का शब्द मध्यकालीन लैटिन कैमरलिंगस से निकला है. इसका अर्थ होता है- चैंबरलेन या संप्रभु के कक्ष का परिचारक. 12वीं शताब्दी में पहली बार पोप ने इस पद पर किसी पादरी को बैठाया था. तब से यह प्रथा चली आ रही है.
कैमरलेन्गो का काम पोप के निधन होने और नए पोप के नियुक्त होने की जानकारी भी देना है. इतना ही नहीं इस बीच के सारे काम को निपटाने की जिम्मेदारी भी कैमरलेन्गो को कंधों पर ही होता है.